मुखड़ा लड़की--ये दीदीया के देवर देखान जनी तेनर, भले हवे होली बाकीर रह तनी नेवरर लड़का-भले देबु गारी रंगवा भितरी हम लगाईब, पआ ससुरारी वाला हमही त खाईब बिनी लगवले रंग हम नाही जाईबर
१अंतरा लड़का--होली मे चोली जदी हमसे रंगवईबू, तबे न फगुआ के माजा सारा पईबु । लड़की--पहीले रंग लगईब फेरु नियरा तु अईब तबे धई लेब हमरो कमरिया ॥
लड़का--काहे तु डेरात बाडु ढ़ेर ना लगाईब
पआ ससुरारी...
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२ अंतरा लड़का--बाहु कुआर जबले फायदा ऊठावेद,गोरे, गोरे गलीया पर हमके लगावेद ।
ड़की--सब बुझतानी खेला तुत करब झमेला, बाबु खईले तुत भॉग लहरी जनी बन ऊतपाती तनी बुझ हमार बाती हम देहाती हई तुत हऊव सहरी । लड़का--अईसन सुन्दर चेहरा बोल हम कहा पाईब पुआ ससुरारी