मुखड़ा लड़की--होलीया मे आदत राऊर भईल बा खराब हो। पियतानी राजा जी देसी सराब होर ऑनलाईन मंगवले रऊआ पिचकारी, पिचकारी../कके बरीयारी हमार रंग दिहनी साड़ी येहो बलमा अनाड़ी!!
१ अंतरा--होली है बुरा ना मानो कही के ईहे बतीया, नाया नौहर कनिया के कईनी दुरगतीयार पिटी, पिटी तुर दिहनी रऊवा केवाड़ी हो केवाड़ी....
कके बरीयारी .!! २ अंतरा-- छोड़त नईखी बलम जी कवनो कसर हो,
लागी जाई पाला दवईयो करी नाही असर होर पनिया मे लहंगा चोली, दिहनी लसारा हो लसारी..
कके बरायारी.